Democracy and dictatorship: आज के समय में प्रचलित कुछ शासन तंत्रों के बारे में जानते है- लोकतंत्र और अधिनायक तंत्र । ये दो तरह की शासन प्रणालीयां होती है और आज के मौजूदा समय में देखा जाए तो दुनिया में दोनो तरह के शासन चल रहे है, कुछ प्रत्यक्ष रूप से और कुछ अप्रत्यक्ष रुप से। आज के इस लेख में हम लोकतंत्र और अधिनायक तंत्र (Democracy and dictatorship) के बारे में और इसके दोष, विशेषताएं और दोनो में क्या अंतर है के बारे में जानेंगे।
लोकतंत्र और अधिनायक तंत्र (Democracy and dictatorship)
लोकतंत्र : लोकतंत्र एक राजनीतिक प्रणाली है जिसमें सत्ता का अधिकार जनता के पास में होता है जो एक निश्चित अवधि के बाद वापस से अपने प्रतिनिधियों को चुनती है, और उनको सरकार में भेजती है, और वे जनता की मांग को रखते हैं। और उनके अधिकारों को लागू करने में सफल होते हैं। यहां नियमित रूप से एक निश्चित अवधि में चुनाव होते हैं और हर बार प्रतिनिधि चुने जाते हैं।
अधिनायक तंत्र या तानाशाही : अध्याय तंत्र या तानाशाही तंत्र एक ऐसा राजनीतिक तंत्र या प्रणाली है जिसके अंदर सत्ता का अधिकार आम जनता के पास न होकर सत्ता एक व्यक्ति या समूह के पास होती है जिसको निर्णय लेने का अधिकार, नीतियां बनाने का अधिकार और कानून का बनाने और उसे लागू करने का अधिकार होता है, जो आम जनता के द्वारा चयनित नहीं होता है और इसमें सत्ता के निरंतर बदलाव होने का खतरा बना रहता है।
लोकतंत्र और अधिनायक तंत्र की विशेषताएं (Features of democracy and dictatorship)
लोकतंत्र: लोकतंत्र के अंतर्गत सामान्य या आम जनता की प्राथमिकता को सबसे पहले रखा जाता है। और सत्ता की प्रतिष्ठा को बनाए रखना जरूरी होता है। स्वतंत्र मीडिया होती है, जो की उस सरकार के बारे में आलोचना भी कर सके और उसकी अच्छाई भी बताए, किसी भी प्रकार की उस पर रोक नहीं हो, वह किसी की गुलाम न बने। और व्यक्तिगत स्वतंत्रता होती है, कोई भी व्यक्ति या समूह किसी भी तथ्य पर खुलकर बोल सकता है और अपना विचार प्रकट कर सकता है उसे किसी भी प्रकार से दबाया नहीं जा सकता।
अधिनायक तंत्र या तानाशाही: अधिनायक तंत्र या तानाशाही सरकार की एक खास बात होती है कि यह निर्णय लेने में तेज होती है और जो निर्णय एक बार ले लिया उसे पूर्ण रूप से पूरा करती है और इसकी कार्य क्षमता में बहुत ज्यादा वृद्धि होती है और निरंतर सत्ता परिवर्तन भी इसमें बना रहता है।
अधिनायक तंत्र और लोकतंत्र के दोष (Demerits of democracy and dictatorship)
लोकतंत्र ( Democracy) :
- लोकतांत्रिक प्रणाली निर्णय लेने में धीमी होती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि परामर्श, बातचीत और समझौते शामिल होते हैं जिसमें समय लग जाता है।
- लोकतंत्र राजनीतिक ध्रुवीकरण को जन्म दे सकता है जिसके अंतर्गत गतिरोध उत्पन्न हो जाता है और कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने से रोका भी जा सकता है
- लोकतंत्र के अंतर्गत भ्रष्टाचार का उत्पन्न होना सामान्य बात होती है जिसके अंतर्गत राजनेता अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं और सामान्य जनता को परेशान करते हैं जिनके खिलाफ जवाबदेही की कमी और कानूनी कार्यवाही होना नामुमकिन होती है।
- लोकतंत्र के अंतर्गत जो सरकार बहुमत से विजय होती है वहीं शासन करती है। और अल्पसंख्यक समूह पर अत्याचार भी हो सकता है और उनके अधिकारों का हनन भी किया जाता है या उनके कार्यों को धीमा या रोक दिया जाता है या नहीं किया जाता है।
- लोकतंत्र के अंतर्गत सत्ता अशिक्षित, अनैतिक और अपराधिक गुण रखने वाले लोगों के हाथो में होती है।
अधिनायक तंत्र ( Dictatorship):
- अधिनायक तंत्र या तानाशाह में व्यवस्था में अत्याचार और अनाचार की वृद्धि बहुत ज्यादा होती है। और यह समूह अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए पूरे राष्ट्र में अपनी मनचाहा से कानून और निर्णय लेता है, और पूरे राष्ट्र पर काबू पाने के लिए जरूरत हो तो आतंक भी फैला देता है। और उनके विरोधियों का पूरी तरह से सफाया कर देता है। अगर कोई इसके खिलाफ बोलता है तो उसे देशद्रोही कहकर मौत के घाट उतार दिया जाता है या सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है।
- अधिनायक तंत्र एक राष्ट्र के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक होता है। और इस व्यवस्था के अंतर्गत एक ही व्यक्ति निर्णय लेता है और वह किसी भी प्रकार का विरोध या सुझाव स्वीकार नहीं करता है। और इसके अंतर्गत आम व्यक्तियों की आत्मनिर्भरता, क्रियाशीलता और स्वतंत्रता की भावना को पूर्णता से नष्ट कर दिया जाता है, और उन्होंने बोलने, विचारने की स्वतंत्रता नहीं दी जाती है। उनको उधर ही चलना पड़ता है, जिधर उनका तानाशाह या अधिनायक हांकता है उनको मजबूर होना पड़ता है।
- अधिनायक तंत्र के अंदर व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास का सम्मान नहीं होता है, उसे हर सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी अपनी इच्छा के अनुसार विकसित होने का वातावरण नहीं दिया जाता है। व्यक्ति को किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता नहीं नहीं होती है, जिससे उसका व्यक्तित्व दब कर रह जाता है और उसके मौलिक अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीन लिया जाता है इस प्रकार उसके व्यक्तित्व के विकास का दमन कर दिया जाता है।
लोकतंत्र और अधिनायक तंत्र में अंतर (Difference between democracy and dictatorship)
1. लोकतंत्र में लोग लोग प्रतिनिधि चुनते हैं, जो आगे सरकार में जाकर जनता की मांग को और उनके हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाते हैं। जबकि, अधिनायक तंत्र के अंदर कोई चुनाव नहीं होता है और कोई भी प्रतिनिधि चुना नहीं जाता है वहां पर सिर्फ एक व्यक्ति बलपूर्वक शासन करता है। | |||
2. लोकतंत्र में लोग अपनी पसंद से किसी भी प्रतिनिधि को अपना वोट देकर एक निश्चित अवधि के लिए चुन सकते हैं जिससे वह अप्रत्यक्ष रूप से सरकार चलाते हैं। जबकि, अधिनायक तंत्र में सिर्फ एक व्यक्ति अपनी तानाशाही करता है और उसके द्वारा शासन चलाया जाता है। | |||
3. लोकतंत्र में लोगों को राजा के आदेशों का पालन करना होता है। जबकि, अधिनायक तंत्र में उसे तानाशाही राजा के द्वारा सभी आदेशों का पालन बलपूर्वक करवाया जाता है। | |||
4. लोकतंत्र में लोग आमतौर पर कानून व नीतियों पर मतदान करता है ,व सीधे तौर पर निर्णय लेने में भाग लेता है। जबकि, अधिनायक तंत्र में सभी नीति और कानून और सभी निर्णय एक व्यक्ति द्वारा लिए जाते हैं। | |||
5. लोकतंत्र में लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी होती है। जबकि, अधिनायक तंत्र में तानाशाही के खिलाफ कोई भी व्यक्ति बोल नहीं सकता, अपनी अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पूर्वक प्रस्तुत नहीं कर सकता या उसकी आलोचना नहीं कर सकता। | |||
6. लोकतंत्र में राजनीतिक और नागरिक समानता होती है। जबकि, अधिनायक तंत्र इसका पूर्ण रूप से शत्रु होता है। | |||
7. लोकतंत्र में राजनीतिक और नागरिक स्वतंत्रता होती है। जबकि, अधिनायक तंत्र इसे पूर्ण रूप से खत्म कर देना चाहता है और व्यक्ति को अपने दबाव में रखकर उसके विकास को रोक देता है। | |||
8. लोकतंत्र में सरकार अपने बनाए कानून व नियमों के प्रति उत्तरदांयी होती है। जबकि, अधिनायक तंत्र में उग्र राष्ट्रवाद में विश्वास एवं शासन शक्ति का दुरुपयोग किया जाता है। | |||
9. लोकतंत्र में वयस्क मताधिकार का अधिकार होता है। जबकि, अधिनायक तंत्र में लोकतंत्र का विरोध किया जाता है। | |||
10. लोकतंत्र में निष्पक्ष न्यायपालिका व विधि की शासन व्यवस्था होती है। जबकि, अधिनायक तंत्र में साधारण जनता के लिए निर्माण किये गए साधनों पर पूर्णतः नियंत्रण होता है और अधिनायक तंत्र युद्ध को प्रोत्साहन व अस्थाई शासन व्यवस्था होती है। |
निष्कर्ष : हमने democracy and dictatorship इसमें लोकतंत्र और अधिनायक तंत्र के बारे में कुछ विशेष जानकारी ली। तो यह समझ आया कि दोनों की उपयोगिता है, लेकिन हर एक क्षेत्र में अलग-अलग है, परंतु समाज में स्थिरता , न्याय और विश्वास के लिए लोकतंत्र को प्राथमिकता देना ज्यादा महत्वपूर्ण होना चाहिए। जहां पर व्यक्ति का पूर्ण रूप से विकास हो, वह हर एक सुविधा का लाभ उठा सके और सरकार के सामने अपनी बातें रख सके, उसकी आलोचना कर सके अभिव्यक्ति प्रस्तुत कर सके और अपने आप को स्वतंत्र पाए।